रात सी तन्हा
भोर्रों के अरमां
झील की आँखें
प्यास की प्याली
ओस की चादर
मैला बादल
बहता काजल
हँसता पायल
कांच का सेहरा
चुभते कंकर
वक्त का साथी
मील का पत्थर
दर्द का झुरमुट
याद का मलहम
बोलती बातें
कांपती कसमे
ओझल मंजिल
तपती राहें
साँझ का सांझी
'केस' ओ 'राँझा'
तेरे इश्क में !!
© आलोक, २००९
Chaat Vaat Khaalo!! Creative House

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