
ऐ युवाबल !
कदम कदम बढ़ा
संभल संभल
आज तुम्हारा है
तुम्हारा होगा कल
राह अलग अलग
एक हो मंजिल
एकजुट एक दल
बढ़ता चल
राहें काटों से पटी
बिना रथ पैदल
बिना थके बिना रुके
जैसे चट्टान अविरल
बढ़ता चल
तुम आस की किरण
सूर्य अटल
निश्चय कर
होंगे सफल
ऐ युवाबल !!
© आलोक, २००९
Chaat Vaat Khaalo..!! Creative House
No comments:
Post a Comment