काश कोई अपने लिए भी 
करवा चौथ का व्रत रखता
रात को चाँद देख कर ही
अन्न जल ग्रहण करता
जब चाँद के साथ देखे जाते
तब हमें भी देवता होने का एहसास होता
हाई री किस्मत !
रोज़ मन्दिर जाके घंटे बजता हूँ
नारियल की रिश्वत देके
मन्नत मनाता हूँ
की हमारे लिए भी "शुशील" कन्या
प्रकट करो भगवन
जिसे देख कर खिल उठे
मेरा ये तन मन
अपनी demand है की
लड़की कुछ ऐसी हो
हो भारत की पर दिखने में
पश्चिम की परियों जैसी हो
आँखें हो जैसे A.K. छप्पन
देखे जिस तरफ़
लाशें गिरा दे दनादन
होठों में हो ऐसा शबाब
के पड़ जाए फीका
जन्नत - ऐ - आब
विष बुझे तीरों सी हो उसकी बोली
फूल भी मारे तो लग जाए गोली
घुंगराले बाल हो करिश्माई इस कदर
के फीका पड़े सन्नी भाई का
पाकिस्तानी "ग़दर"
चाल की क्या बात हो
मंजिल ख़ुद भूल जाए अपनी डगर
कर रहे थे हम अपनी इस Fantasy पर गुमान
तभी राह में दिखलाई दिए प्रभु हनुमान !
हमने किया दंडवत प्रणाम
खुश होकर प्रभु बोले
पुत्र ! मांग लो वरदान !
बस फिर क्या था
हमने अपनी Dream कुड़ी का किया बखान
सुनते ही प्रभु के पसीने छूट पड़े
बोले अपनी Problem भी तो यही है
ढूँढता हूँ जिस Dream कुड़ी को
मिलती कहीं नही है
इसी सिलसिले में थी
इन्द्र से Appointment
उन्होंने खोला है Match-making का Department
अरे तुम भी जल्दी से
अपनी अर्जी भेज दो
waiting list लम्बी है
lucky draw से number आयेगा
एक original बाकि फर्जी भेज दो
हमने suggest किया हनुमान को
इस से पहले के हम
अपनी अर्जी send करें
आप तो राम के करीबी हैं
तो फ़िर क्यों न वे हम दोनों का
नाम recommend करें
तो वो कहते हैं पैरवी तो न चलेगी
अव्वल तो इन्द्र के हिदायत हैं कड़े
वो क्या recommend करे
जो line में पहले से हो खड़े
जबसे सीता मैय्या गई हैं
उनकी तो हालत
अपनी से भी है बुरे
यह सब सुन कर हमे विविध भरती का
भूला - बिसरा गीत याद आया -
दुनिया में कितना ग़म है
मेरा ग़म कितना कम है
जब राम और हनुमान की नही सुनता
तो मेरे नारियल में क्या दम है
हमने भी मन ठाना है कि
राम और हनुमान का काम करवा के रहेंगे
हमे तलाश है जिनकी
वैसी शुशील कुड़ी
पा के रहेंगे !!!
हमने WORLD FORCED कुंवारा
Association का गठन करवाया
और Agenda का पहला item
लड़की रखवाया
और फ़िर दल - बल सहित
ब्रह्म लोक पर मोर्चा लगाया
ब्रम्हा जी के साथ 1st Round Table Confrence
हुई शुरू
पर वो हम सब के निकले गुरु
बड़े जोश से ख़ुद सृष्टि रचते रह गए
अपने लिए न एक रची
अब बूढे हो गए
अरे ये क्या ! अपनी समस्या तो
जस की तस् रही
जो पहले marital status थी
है अब भी वही
ब्रम्हा जी ने हमें ढानढस दिलाया
कुछ सोचा
फिर एक शातिर दाव लगाया
हम सब मिल कर बम भोले के पास चलेंगे
वे सबकी सुनते हैं
वे ही हमारे कष्ट हरेंगे
मोदी की तरह हमने भी रथ यात्रा निकाली
दुनिया भर के अनचाहे कुंवारों की दुआ ली
मन ही मन हमने सोचा
चलो काम न बना तो
नेता ही बन जायेंगे
पत्नी भले ही न मिले
ये कम है क्या
कभी न कभी
राष्ट्र के पति तो कहलायेंगे
कैलाश पर Shiv Secretary नंदी ने रोका
और आने का कारन पूछा
हमने कहा relax! dont get so carried!!
first of all tell me are you married??
शिव पारवती के संग आबाद हुए
उनकी सेवा में नंदी तुम्हारे
न जाने कितने बरस बरबाद हुए
आओ शिवगन join करो हमारी टोली
और Forced कुंवारों की जय हो
लगाओ बोली
ऐसा एक लगा नारा तो
कैलाश पर भूकंप हुआ
अरे नंदी वाला दाव तो साबित
अपने लिए Trump हुआ
शिव पारवती अचंभित हुए और पुछा
ये क्या हल्ला बोल है
इन बागियों में नंदी तुम्हारा क्या Role है
नंदी बोले दर्शानाभिलाशियों की समस्या
बड़ी गंभीर है
समाधान हेतु Line में हनुमान, ब्रम्हा
कविराज, संग में रघुबीर हैं
The are Forced Bachelors
यह Universal Fact है
शिवगन भी संग हैं चूँकि हमारा इन से
bilateral pact है
अब जल्दी कीजिये समस्या पर विचार
वरना टूट जायेगी भक्त - भगवान
के बीच की दीवार
शिव जी घबरा के बोले
ये मेरे बस की बात नहीं
मुझपे न आघात करो
सब किया धरा है विष्णु का
उनसे ही दो दो हाथ करो
चलो में भी तुम्हारे साथ चलूँगा
मुझसे जो भी बन पड़ेगा वो करूँगा
दल बल ने किया
क्षीर सागर कि ओर प्रस्थान
हो न हो अबके होगा
अपनी समस्या का समाधान
ये सोच कर मन हो रहा था बाग़ बाग़
के प्रभुधाम कि पहरेदारी में
मिले शेषनाग
हम बोले कि शिव जी का सन्देश है
प्रभु ज़रा जल्दी करना
मिलने का कारण
विशेष है
प्रभु ने सन्देश पर तुंरत किया विचार
और श्रीघ्र ही खुल गए
बैकुंठ के द्वार
प्रभु ने जब आने का प्रयोजन जाना
स्तिथि बड़ी विकट है, ये भी माना
लक्ष्मी जी ने पूछा हमसे
कहो कवि तुम्हारी पसंद कैसी है
सूझा न कुछ तो कह डाला
ज्यादा कुछ नहीं
बस आप ही के जैसी है
इस पर तो विष्णु हमसे रुष्ट हुए
समझा था तुमको कवि
पर तुम तो सबसे दुष्ट हुए
जा तुझको मैं श्राप देता हूँ
विवाह योग ही तेरा मैं छीन लेता हूँ
कुंवारा ही जीवन भर घूमता फिरेगा
बहुत नेतागिरी करता है
सबके दंड तू ही भरेगा
वीर हनुमान, राम और ब्रम्हा
के प्राण तो मानो सटक गए
इस मानव कि बातों में आकर प्रभु
हम तो अपने लक्ष्य से भटक गए
सब के सब तो हमारा दामन झटक गए
गिरे थे आसमान से
अब खजूर में लटक गए
लटके लटके हमने
खजूर का भोग लगाया
जब होश में आये तो
खुद को बिस्तर पर पाया
मैं फिर भटक गया था
मेरी मति गयी थी मारी
अंगूर अक्सर खट्टे होते हैं
मुझे कुछ नहीं चाहिए
मैं फिर से ब्रह्मचारी !!!!
मैं फिर से ब्रह्मचारी !!!!
© आलोक, २००९

करवा चौथ का व्रत रखता
रात को चाँद देख कर ही
अन्न जल ग्रहण करता
जब चाँद के साथ देखे जाते
तब हमें भी देवता होने का एहसास होता
हाई री किस्मत !
रोज़ मन्दिर जाके घंटे बजता हूँ
नारियल की रिश्वत देके
मन्नत मनाता हूँ
की हमारे लिए भी "शुशील" कन्या
प्रकट करो भगवन
जिसे देख कर खिल उठे
मेरा ये तन मन
अपनी demand है की
लड़की कुछ ऐसी हो
हो भारत की पर दिखने में
पश्चिम की परियों जैसी हो
आँखें हो जैसे A.K. छप्पन
देखे जिस तरफ़
लाशें गिरा दे दनादन
होठों में हो ऐसा शबाब
के पड़ जाए फीका
जन्नत - ऐ - आब
विष बुझे तीरों सी हो उसकी बोली
फूल भी मारे तो लग जाए गोली
घुंगराले बाल हो करिश्माई इस कदर
के फीका पड़े सन्नी भाई का
पाकिस्तानी "ग़दर"
चाल की क्या बात हो
मंजिल ख़ुद भूल जाए अपनी डगर
कर रहे थे हम अपनी इस Fantasy पर गुमान
तभी राह में दिखलाई दिए प्रभु हनुमान !
हमने किया दंडवत प्रणाम
खुश होकर प्रभु बोले
पुत्र ! मांग लो वरदान !
बस फिर क्या था
हमने अपनी Dream कुड़ी का किया बखान
सुनते ही प्रभु के पसीने छूट पड़े
बोले अपनी Problem भी तो यही है
ढूँढता हूँ जिस Dream कुड़ी को
मिलती कहीं नही है
इसी सिलसिले में थी
इन्द्र से Appointment
उन्होंने खोला है Match-making का Department
अरे तुम भी जल्दी से
अपनी अर्जी भेज दो
waiting list लम्बी है
lucky draw से number आयेगा
एक original बाकि फर्जी भेज दो
हमने suggest किया हनुमान को
इस से पहले के हम
अपनी अर्जी send करें
आप तो राम के करीबी हैं
तो फ़िर क्यों न वे हम दोनों का
नाम recommend करें
तो वो कहते हैं पैरवी तो न चलेगी
अव्वल तो इन्द्र के हिदायत हैं कड़े
वो क्या recommend करे
जो line में पहले से हो खड़े
जबसे सीता मैय्या गई हैं
उनकी तो हालत
अपनी से भी है बुरे
यह सब सुन कर हमे विविध भरती का
भूला - बिसरा गीत याद आया -
दुनिया में कितना ग़म है
मेरा ग़म कितना कम है
जब राम और हनुमान की नही सुनता
तो मेरे नारियल में क्या दम है
हमने भी मन ठाना है कि
राम और हनुमान का काम करवा के रहेंगे
हमे तलाश है जिनकी
वैसी शुशील कुड़ी
पा के रहेंगे !!!
हमने WORLD FORCED कुंवारा
Association का गठन करवाया
और Agenda का पहला item
लड़की रखवाया
और फ़िर दल - बल सहित
ब्रह्म लोक पर मोर्चा लगाया
ब्रम्हा जी के साथ 1st Round Table Confrence
हुई शुरू
पर वो हम सब के निकले गुरु
बड़े जोश से ख़ुद सृष्टि रचते रह गए
अपने लिए न एक रची
अब बूढे हो गए
अरे ये क्या ! अपनी समस्या तो
जस की तस् रही
जो पहले marital status थी
है अब भी वही
ब्रम्हा जी ने हमें ढानढस दिलाया
कुछ सोचा
फिर एक शातिर दाव लगाया
हम सब मिल कर बम भोले के पास चलेंगे
वे सबकी सुनते हैं
वे ही हमारे कष्ट हरेंगे
मोदी की तरह हमने भी रथ यात्रा निकाली
दुनिया भर के अनचाहे कुंवारों की दुआ ली
मन ही मन हमने सोचा
चलो काम न बना तो
नेता ही बन जायेंगे
पत्नी भले ही न मिले
ये कम है क्या
कभी न कभी
राष्ट्र के पति तो कहलायेंगे
कैलाश पर Shiv Secretary नंदी ने रोका
और आने का कारन पूछा
हमने कहा relax! dont get so carried!!
first of all tell me are you married??
शिव पारवती के संग आबाद हुए
उनकी सेवा में नंदी तुम्हारे
न जाने कितने बरस बरबाद हुए
आओ शिवगन join करो हमारी टोली
और Forced कुंवारों की जय हो
लगाओ बोली
ऐसा एक लगा नारा तो
कैलाश पर भूकंप हुआ
अरे नंदी वाला दाव तो साबित
अपने लिए Trump हुआ
शिव पारवती अचंभित हुए और पुछा
ये क्या हल्ला बोल है
इन बागियों में नंदी तुम्हारा क्या Role है
नंदी बोले दर्शानाभिलाशियों की समस्या
बड़ी गंभीर है
समाधान हेतु Line में हनुमान, ब्रम्हा
कविराज, संग में रघुबीर हैं
The are Forced Bachelors
यह Universal Fact है
शिवगन भी संग हैं चूँकि हमारा इन से
bilateral pact है
अब जल्दी कीजिये समस्या पर विचार
वरना टूट जायेगी भक्त - भगवान
के बीच की दीवार
शिव जी घबरा के बोले
ये मेरे बस की बात नहीं
मुझपे न आघात करो
सब किया धरा है विष्णु का
उनसे ही दो दो हाथ करो
चलो में भी तुम्हारे साथ चलूँगा
मुझसे जो भी बन पड़ेगा वो करूँगा
दल बल ने किया
क्षीर सागर कि ओर प्रस्थान
हो न हो अबके होगा
अपनी समस्या का समाधान
ये सोच कर मन हो रहा था बाग़ बाग़
के प्रभुधाम कि पहरेदारी में
मिले शेषनाग
हम बोले कि शिव जी का सन्देश है
प्रभु ज़रा जल्दी करना
मिलने का कारण
विशेष है
प्रभु ने सन्देश पर तुंरत किया विचार
और श्रीघ्र ही खुल गए
बैकुंठ के द्वार
प्रभु ने जब आने का प्रयोजन जाना
स्तिथि बड़ी विकट है, ये भी माना
लक्ष्मी जी ने पूछा हमसे
कहो कवि तुम्हारी पसंद कैसी है
सूझा न कुछ तो कह डाला
ज्यादा कुछ नहीं
बस आप ही के जैसी है
इस पर तो विष्णु हमसे रुष्ट हुए
समझा था तुमको कवि
पर तुम तो सबसे दुष्ट हुए
जा तुझको मैं श्राप देता हूँ
विवाह योग ही तेरा मैं छीन लेता हूँ
कुंवारा ही जीवन भर घूमता फिरेगा
बहुत नेतागिरी करता है
सबके दंड तू ही भरेगा
वीर हनुमान, राम और ब्रम्हा
के प्राण तो मानो सटक गए
इस मानव कि बातों में आकर प्रभु
हम तो अपने लक्ष्य से भटक गए
सब के सब तो हमारा दामन झटक गए
गिरे थे आसमान से
अब खजूर में लटक गए
लटके लटके हमने
खजूर का भोग लगाया
जब होश में आये तो
खुद को बिस्तर पर पाया
मैं फिर भटक गया था
मेरी मति गयी थी मारी
अंगूर अक्सर खट्टे होते हैं
मुझे कुछ नहीं चाहिए
मैं फिर से ब्रह्मचारी !!!!
मैं फिर से ब्रह्मचारी !!!!
© आलोक, २००९
Chaat Vaat Khaalo..!! Creative House

abey yaar, yeh kya bakwaas hai
ReplyDeletesaala main to bore hogela hun
just kidding
nice work
thanks for putting our pain infront of this ज़ालिम world
it would be better if you narrate our angst to the लड़कियां than the भगवान्s, the girls start feeling सहानुभूति
Hahahahaha..
ReplyDeleteGood Good, I can understand.
Ye duniya bahut zaalim hai. ladkiyaan hum ladko ki kaatil hain.
Rozz karte hai prarthna bhagwaan se k koi to mila de
Par ab lagta hai, ye prarthna karke kya haasil hai.
bilkul sahi kaha dost
ReplyDeleteब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है।
ReplyDeleteसुन्दर रचना के लिए शुभकामनाएं।
लिखते रहिए, लिखने वालों की मनज़िल यही है।
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकून पहुंचाती है।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लिए देखें
chhota likho saheb, narayan narayan
ReplyDeleteprotsahan ke lie shukriya Bharati Ji..
ReplyDeleteNarayan Narayan..
ReplyDeleteNarad Ji.. aapka sujhaav saharsh sweekar hai.. kabhi kabhi bhaav behne se lagte hain or rukte hi nahi.. isi liye ye prastuti hai..